Class 9th class notes ch 1 | इतिहास की दुनियाकक्षा-9 | History bihar board class notes in hindi भौगोलिक खोजें
समाजिक विज्ञान की परिभाषा:- विज्ञान की वह शाखा जिसके अन्तर्गत व्यक्ति एवं उससे संबंधित संपूर्ण गतिविधियों का मूल्यांकन (अध्ययन) किया जाता है। वह समाजिक विज्ञान कहलाता है।
इतिहास की परिभाषा:- इतिहास ज्ञान का वह विषय हैं जिसके अंतरर्गत हम मानव और उससे संबंधित पुरानी घटनाओं का अध्ययन करते है
Note: (i) इतिहास के पिता ‘हेरोडोट्स’ को कहा जाता है।
Note(ii) भारतीय इतिहास के पिता मेगास्थनीज को माना जाता है।
Note:-(iii) आधुनिक इतिहास के पिता विलियम स्टेक्स को माना जाता है।
कालखण्ड की दृष्टी से इतिहास को 3 वर्गो में विभाजित करते है।
इतिहास
(i) प्राचीन काल ( 750 ई. से पहले का समय )
(ii) मध्य काल ( 750 ई0 से 1750 ई0 (लगभग) )
(iii) आधुनिक काल ( 1750 ई से अब तक )
i) प्राचीन काल 750 ई. से पहले का समय को सक्ति इतिहास काल कहते है।
ii) मध्य काल :- 750 ई0 से 1750 ई0 (लगभग) तक के समय को मध्यकाल।
(iii) आधुनिक काल :- 1750 ई से अब तक के समय को आधुनिक काल कह सकते हैं।
1.) भौगोलिक खोज:- इसका शाब्दिक अर्थ विश्व के वैसे भू-भागों का खोज करना होता है। जिसका अस्तित्व तो इस धरती पर था परंतु विश्व के अन्य देशों के साथ उसका व्यापारिक या संस्कृतिक संबंध कायम नहीं था।
(i)प्राचीन काल में भौगोलिक खोजें:- जब विश्व इतिहास की युगांतकारी घटनाओं की बात करें तो प्राचीन काल में जब मानव सभ्यता का विकास हुआ और मानव एक साथ रह कर वस्ती बसाया का फीर उनमें सामान बदलने की व्यवस्था का विकास हुआ जिसको (वस्तु विनिमय व्यवस्था कहते थे। अग्रीम रूप, व्यापार में बदला और भौगोलिक खोजें आरंभ हुई।
(i) मध्यकाल में भौगोलिक खोजें:- मध्यकालीन यूरोपीय इतिहास का हम यदि अध्ययन करेंगें तो पायेंगे कि यह काल सामंती प्रवृतियों का काल था। इस काल में न तो व्यापार-वाणिज्य गतिशील था और ज ही धर्म का स्वरूप उदार एवं मानवीय था। पृथ्वी के बारे में इन्हें अल्प ज्ञान था। इन्हे लगता था पृथ्वी फ्लैट है (चपटी) एवं समुन्द्र में अधिक जाने दुर विलय हो जाएंगे। पर अंतरिम दुनिया में
* भौगोलिक खोजों के कारण भौगोलिक खोज के निम्नलिखित कारण है जिनमें कुछ प्रमुख है।
(i) कौतूहल की भावना : यूरोप के कुछ साहसी लोग अपने देश से बाहर जा कर नए स्थानों का पता लगाना चाहते थे।
(ii) नवीन वैज्ञानिक अविष्कारों का योगदान– भौगोलिक खोजों को बढ़ावा देने में नवीन अविष्कारों का महत्वपूर्ण योगदान रहा! गैलिलियो ने दूरबीन का अविष्कार किया तथा 1380 में उरबों से यूरोप वालों मे कुतुबनुमा (कपास) का ज्ञान प्राप्त करता है।
(iii) जहाजों का विकास :- इतली, स्पेन एवं पुर्नगाल में पुरानी नावों के स्थान पर खाँया पद्धति से विशाल और मजबूत जहान बनाया। जिसकी गति भी अधिक थी।
(iv) भौगोलिक ज्ञान में वृद्धि:- 15वीं शताब्दी तक अनेक पुस्तकों के माध्यम से लोगों में भौगोलिक ज्ञान अधिक हुआ। जिसमे टोलेमी की पुस्तक ज्योग्राफी थी। इसी पुस्तक में बताया गया था पृथ्वी गोल है और यह तीन महाद्वीपों- यूरोप, एशिया और अफ्रीका में विभक्त है।
( V )धर्मयुद्धों का प्रभाव – 11वीं-12वी. शताब्दियों में आधुनिक इजरायल स्थित जेरूसलम (पवित्र नगर ) के अधिपत्य पर ईसाइयों और तुर्कों के बीच युद्ध हुआ। इस कारण से युरोप वालों की रुचि पूर्वी देशों में बढ़ गई |
(Vi) कस्तुनतुनिया का पतन – 1453 ई० मे विजेंटाइन साम्राज्य की राजधानी कुस्तुनतुनिया पर उस्मानी तुर्की का अधिकार हो गया। तुर्कों द्वारा इस मार्ग से व्यापार करने वाले व्यापारियों से भारी कर वसूलता था।
4 औपनिवेशिक खोज या पृष्ठभूमि और विस्तार।
(i) 1488 के में पुर्तगाली व्यापारी बार्थोलोमियो डियाज अफ्रिका के पश्चिमी तट होते हुए दक्षिण अफ्रिका के दक्षिणतम बिन्दु उत्तमाशा अंतरीप की खोज कीया।
i) 1992 ई0 में क्रिस्टोफर कोलम्बस द्वारा अमेरिका की खोज की गई।
14 ई में कोलम्बस ने अमेरिका को भारतीय उपमहाद्वीप समझा और वहाँ के नागरिकों रेड इंडियन कहा (अमेरिका को नई दुनिया भी कहा गया है) West Indies भी कहा गया है
(ii) 1498 ई में पुर्तगाल का एक साहसी नाविक वास्कोडिगामा उत्तमआशा अंतरिप ( Cape Of Good Hope ) होते हुए दक्षिण पहुँचा। अफ्रिका में एक भारतीय व्यापारी अब्दुल मजीद से भेंट हुई इसी के सहयोग से
भारत के मालाबार तट (केरल के कालीकट पहुँचा। जहाँ का स्थानीय शासक जमोरीन था |
☆ वास्कोडिगामा भारत से लाए गए वस्तुओं को युरोपीय बाजारों में 26 गुणा मुनाफे पर बेचा |
* 1513 में मैग्लन ने पूरी दुनिया का चक्कर जहाज से लगाया और यह धारणा पुष्ट हो गई कि सभी समुद्र एक दूसरे से जुड़े है।
* स्पेन के नाविक अमेरिक वेस्पची ने नई दुनिया को विस्तार से ढूंढ़ा और इसे एक दिप महाद्वीप बताया। इसी के नाम पर इस क्षेत्र का नाम अमेरिका पड़ा।
भौगोलिक खोजों के परिणाम :- भौगोलिक खोज के परिणामस्वरूप लोगों को संसार कै एक वृहत्त भूखण्ड से परिचित कराया और विश्व के अन्य देश एक दूसरे से परिचित हुए। +
भौगोलिक खोगों के परिणाम निम्नलिखित हैं।
(i) व्यापार-वाणिज्य पर प्रभाव
(ii) औपनिवेशिक साम्राज्य का विकास
(iii) वाणिज्य वाद का विकास
(iv) इसाई धर्म एवं पश्चिमी सभ्यता का प्रसार
(V) दास व्यापार का विकास
(Vi) भांतियों का अंत एवं भौगोलिक ज्ञान में वृद्धि
* औपनिवेशिक साम्राज्यों का विकास के कारण भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन:-
(i) पुर्तगाल – 1498 (ii) अंग्रेजी इस्ट इंडिया कंपनी – 1600 (iii) डच – 1602 ( iv ) डेनिस – 1616 (v) फ्रांसीसी -1664 ( vi ) स्वीडिश – 1731