bihar board class 9 history ch 4 | विश्वयुध्दों का इतिहास
bihar board class 9 history ch 4 | विश्वयुध्दों का इतिहास chapter 4 history solutions class 9 bihar board
तुष्टिकरण की नीति क्या है?
bihar board class 9 history chapter 4 questions | विश्वयुध्दों का इतिहास
1st and 2nd world war class 9th questions answer solutions
अभ्यास : इतिहास की दुनिया ch 4
- वस्तुनिष्ठ प्रश्न :
सही उत्तर का संकेताक्षर (क, ख, ग, घ आदि) लिखें।
प्रश्न 1. प्रथम विश्वयुद्ध कब आरंभ हुआ?
उत्तर – (घ) 1914 ई०
(क) 1941 ई०
(ग) 1950 ई०
(ख) 1952 ई०
(घ) 1914 ई०
प्रश्न 2. प्रथम विश्वयुद्ध में किसकी हार हुई ?
उत्तर – (ख) जर्मनी की
(क) अमेरिका की
(ख) जर्मनी की
(ग) रूस की
(घ) इंगलैंड की
प्रश्न 3. 1917 ई० में कौन देश प्रथम विश्व युद्ध से अलग हो गया?
उत्तर – (क) रूस
(क) रूस
(ख) इंगलैंड
(ग) अमेरिका
(घ) जर्मनी
प्रश्न 4. वर्साय की संधि के फलस्वरूप इनमें किस महादेश का मानचित्र बदल गया ?
उत्तर – (क) यूरोप का
(क) यूरोप का
(ख) आस्ट्रेलिया का
(ग) अमेरिका का
(घ) रूस का
प्रश्न 5. त्रिगुट समझौते में शामिल थे-
उत्तर – (ग) जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली
(क) फ्रांस ब्रिटेन और जापान
(ख) फ्रांस, जर्मनी और आस्ट्रिया
(ग) जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली
(घ) इंगलैंड, अमेरिका और रूस
प्रश्न 6. द्वितीय विश्वयुद्ध कब आरंभ हुआ?
उत्तर – (क) 1939 ई० में
(क) 1939 ई० में
(ख) 1941 ई० में
(ग) 1936 ई० में
(घ) 1938 ई० में
bihar board class 9 history ch 4
प्रश्न 7. जर्मनी को पराजित करने का श्रेय किस देश को है?
उत्तर – (ख) रूस को
(क) फ्रांस को
(ख) रूस को
(ग) चीन को
(घ) इंगलैंड को
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प्रश्न 8. द्वितीय विश्वयुद्ध में कौन-सा देश पराजित हुआ?
उत्तर – (ख) जापान
(क) चीन
(ख) जापान
(ग) जर्मनी
(घ) इटली
प्रश्न 9. द्वितीय विश्वयुद्ध में पहला एटम बम कहाँ गिराया गया था?
उत्तर – हिरोशिमा पर
(क) हिरोशिमा पर
(ख) नागासाकी पर
(ग) पेरिस पर
(घ) लन्दन पर
प्रश्न 10. द्वितीय विश्वयुद्ध कब अन्त हुआ?
उत्तर – 1945 ई० को
(क) 1939 ई० को
(ख) 1941 ई० को
(ग) 1945 ई० को
(घ) 1938 ई० को
II . उपयुक्त शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :
प्रश्न 1. द्वितीय विश्वयुद्ध के फलस्वरूप………………….. साम्राज्यों का पतन हुआ।
उत्तर – तुर्की
प्रश्न 2. जर्मनी का ………………. पर आक्रमण द्वितीय विश्वयुद्ध का तात्कालिक कारण था।
उत्तर – पोलैण्ड
प्रश्न 3. धुरी राष्ट्रों में …………………. ने सबसे पहले आत्मसमर्पण किया।
उत्तर – इटली
प्रश्न 4. ……………………. की संधि की शर्तें द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए उत्तरदायी थी।
उत्तर – वर्साय
प्रश्न 5. अमेरिका ने दूसरा एटम बम जापान के ………………… बन्दरगाह पर गिराया था।
उत्तर – नागासाकी
प्रश्न 6. ………………………….की संधि में ही द्वितीय विश्व युद्ध के बीज निहित थे।
उत्तर – वर्साय
प्रश्न 7. प्रथम विश्व युद्ध के बाद ……………………. एक विश्वशक्ति बनकर उभरा।
उत्तर – अमेरिका
प्रश्न 8. प्रथम विश्व युद्ध के बाद मित्रराष्ट्रों ने जर्मनी के साथ ……………….. की संधि की।
उत्तर – वर्साय
प्रश्न 9. राष्ट्रसंघ की स्थापना का श्रेय अमेरिका के राष्ट्रपति …………………. को दिया जाता है।
उत्तर – वुडरो विल्सन
प्रश्न 10. राष्ट्रसंघ की स्थापना ……………….. ई० में की गई।
उत्तर – 1919
bihar board class 9 history ch 4 III. लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न
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प्रथम विश्व युद्ध के उत्तरदायी किन्हीं चार कारणों का उल्लेख करें।
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध के चार उत्तरदायी कारण निम्नलिखित थे ।
(i) सम्राज्यवादी प्रतिस्पर्धा
(ii) उग्र राष्ट्रवाद
(iii) गुटों का निर्माण
(iv) सैन्यवाद
(v) तत्कालिक करण – 28 जून 1914 को आर्क ड्यूक फर्डिनेण्ड की बोस्निया की राजधानी साराजेवो में हत्या हो गई।
bihar board class 9 history ch 4 प्रश्न 2
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त्रिगुट (Triple Alliance) तथा त्रिदेशीय संधि (Triple Entente) में कौन-कौन से देश शामिल थे। इन गुटों की स्थापना का उद्देश्य क्या था?
उत्तर – त्रिगुट (Triple Alliance) में सामिल देश जर्मनी, आस्ट्रिया और इटली थे तथा त्रिदेशीय संधि (Triple Entente) में फ्रांस ब्रिटेन और रूस सामिल थे । यह सामान्य हितों और समझदारी पर आधारित ढीला-ढाला गठजोड़ था। इन गुटों की स्थापना का उद्देश्य सम्राज्यवाद का विकास करना था।
प्रश्न3 विश्वयुध्दों का इतिहास
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प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण क्या था?
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण बोस्निया की राजधानी साराजेवा में 28 जून 1914 को ऑस्ट्रिया -हंगरी के राजकुमार आर्क ड्यूक फर्डिनेण्ड और उसकी पत्नी को एक काला हाथ आतंकवादी संगठन के द्वारा गोली मार कर हत्या करना था।
प्रश्न
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सर्वस्लाव आन्दोलन का क्या तात्पर्य है?
उत्तर – तुर्की साम्राज्य तथा आस्ट्रिया-हंगरी में अधिकांश निवासी स्लाव जाति के थे। उनलोगों ने सर्वस्लाव आन्दोलन की शुरूआत की जो इस सिद्धान्त पर आधारित था कि यूरोप के सभी स्लाव जाति के लोग एक राष्ट्र हैं। इसने आस्ट्रिया-हंगरी का रूस के साथ सम्बंध कटु बना दिया।
प्रश्न
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उग्र राष्ट्रीयता प्रथम विश्व युद्ध का किस प्रकार एक कारण था?
उत्तर – 19 वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक यूरोप के देशों में राष्ट्रीयता का संचार उग्र रूप से होने लगा। समान जाति, धर्म, भाषा और ऐतिहासिक परम्परा के लोग एक साथ मिलकर अलग देश का निर्माण चाहने लगे। इस प्रकार उग्र राष्ट्रवाद ने यूरोप के देशों के आपसी सम्बन्ध को तनावग्रस्त बना दिया।
प्रश्न
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“द्वितीय विश्वयुद्ध प्रथम विश्वयुद्ध की ही परिणति थी।” कैसे?
उत्तर – वर्साय और पेरिस की संधियों ने अगले विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि तैयार कर दी थी। जिस तरह से पराजित राष्ट्रों पर निर्णय थोपे गये थे, उनका अपमान किया गया था, इससे यही स्पष्ट था कि अगला विश्वयुद्ध होकर रहेगा। यद्यपि इतना शीघ्र इसकी शुरूआत हो जाएगी, इसकी कल्पना शायद किसी ने नहीं की थी।
प्रश्न
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द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए हिटलर कहाँ तक उत्तरदायी था?
उत्तर – एडोल्फ हिटलर सन् 1933 से सन् 1945 तक जर्मनी का शासक रहा। द्वितीय विश्व युद्ध तब हुआ जब उसके आदेश पर नात्सी सेना ने पोलैण्ड पर आक्रमण किया। कुछ इतिहासकारों ने इस घटना के लिए हिटलर को अत्यधिक जिम्मेदार माना क्योंकी पोलैण्ड पर आक्रमन द्वितीय विश्व युद्ध का तात्कालिक कारण था।
प्रश्न
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द्वितीय विश्वयुद्ध के किन्हीं पाँच परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर – द्वितीय विश्वयुद्ध के पाँच परिणाम निम्नलिखित थे ।
(i) धन-जन की हानि
(ii) यूरोपीय श्रेष्ठता और उपनिवेशों का अंत
(iii) इंगलैंड की शक्ति का ह्रास और रूस तथा अमेरिका की शक्ति में वृद्धि
(iv) संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना
(v) विश्व में गुटों का निर्माण
प्रश्न
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तुष्टिकरण की नीति क्या है?
उत्तर – इंगलैंड की तुष्टिकरण की नीति भी बहुत हद तक द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए जिम्मेवार थीं। पश्चिमी पूँजीवादी देश साम्यवादी रूस को नफरत की दृष्टि से देखते थे। वे चाहते थे. कि हिटलर किसी भी तरह सोवियत रूस पर हमला कर दे, जिससे दोनों कमजोर हो जाए और तब वे हस्तक्षेप करके दोनों शक्ति को बर्बाद कर देंगे। तुष्टिकरण की दिशा में अंतिम कदम म्युनिख समझौता था।
class 9th history chapter 4 questions answer solutions प्रश्न 10
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राष्ट्रसंघ क्यों असफल रहा?
उत्तर – राष्ट्रसंघ की भ्रामक शक्तियाँ और सदस्य राष्ट्रों के सहयोग का अभाव भी द्वितीय विश्वयुद्ध का कारण बना। राष्ट्रसंघ ने छोटे-छोटे राज्यों के मामलों को आसानी से सुलझा दिया, लेकिन बड़े राष्ट्रों के मामले में उसने अपने को अक्षम पाया और अंततः उसको इस कार्य के लिए समर्थ और शक्तिशाली राष्ट्रों का सहयोग नहीं मिला। हर निर्णायक कार्रवाई की घड़ी में शक्तिशाली राष्ट्रों ने अपने निहित स्वार्थ में हाथ खड़ा कर लिए। इस प्रकार राष्ट्रसंघ की असफलता ने द्वितीय विश्वयुद्ध का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न
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bihar board class 9 history ch 4 | विश्वयुध्दों का इतिहास
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प्रथम विश्व युद्ध के क्या कारण थे? संक्षेप में लिखें।
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध के चार उत्तरदायी कारण निम्नलिखित थे ।
(i) साम्राज्यवादी प्रतिस्पर्द्धा – साम्राज्यवादी देशों का साम्राज्य विस्तार के लिए आपसी प्रतिद्वंद्विता एवं हितों की टकराहट प्रथम विश्वयुद्ध का मूल कारण माना जा सकता है। औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप कल-कारखानों को चलाने के लिए कच्चा माल एवं कारखानों में उत्पादित वस्तुओं की खपत के लिए बाजार की आवश्यकता पड़ी।
(ii) उग्र राष्ट्रवाद- उग्र अथवा विकृत राष्ट्रवाद भी प्रथम विश्वयुद्ध का एक मौलिक कारण बना। यूरोप के सभी राष्ट्रों में इसका समान रूप से विकास हुआ। यह भावना तेजी से बढ़ती गई कि समान जाति, धर्म, भाषा और ऐतिहासिक परंपरा के व्यक्ति एक साथ मिलकर रहें और कार्य करें तो उनकी अलग पहचान बनेगी और उनकी प्रगति होगी।
(iii) अंतरराष्ट्रीय संस्था का अभाव– प्रथम विश्वयुद्ध के पूर्व ऐसी कोई संस्था नहीं थी जो साम्राज्यवाद, सैन्यवाद और उग्र राष्ट्रवाद पर नियंत्रण लगाकर विभिन्न राष्ट्रों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रख सके। प्रत्येक राष्ट्र स्वतंत्र रूप से अपनी मनमानी कर रहा था। इससे यूरोपीय राजनीति में एक प्रकार की अराजक स्थिति व्याप्त गई।
(iv) सैन्यवाद – यूरोपीय देश अपनी सैनिक शक्ति पर सारा ध्यान केन्द्रित कर रहे थे। फ्रांस, जर्मनी आदि प्रमुख यूरोपीय देश अपनी राष्ट्रीय आय का लगभग 85% सैनिक तैयारियों पर व्यय कर रहे थे। 1913-14 ई० में फ्रांस के पास लगभग 8 लाख, जर्मनी में 7 लाख 60 हजार और रूस में 15 लाख की स्थायी सेना थी।
(v) तात्कालिक कारण – प्रथम विश्वयुद्ध का तात्कालिक कारण ऑस्ट्रिया के युवराज आर्क ड्यूक फ्रांसिस फर्डिनेंड (Archduke Francis Ferdinand) की बोस्निया की राजधानी सेराजेवो में हत्या। 28 जून 1914 को एक आतंकवादी संगठन काला हाथ (Black Hand) से संबद्ध सर्व प्रजाति के एक बोस्नियाई युवक ने राजकुमार और उनकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी। इससे सारा यूरोप स्तब्ध हो गया।
प्रश्न
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प्रथम विश्व युद्ध के क्या परिणाम हुए?
उत्तर – प्रथम विश्व युद्ध के निम्नलिखित परिणाम हुए –
(i) जन धन की क्षति – अब तक के हुए युद्धों में प्रथम विश्वयुद्ध सबसे भयावह था और इसकी व्यापकता और बरबादी त्रासदपूर्ण थी। विभिन्न अनुमानों के अनुसार लगभग 45 करोड़ लोग इस विश्वयुद्ध से प्रभावित हुए। लड़ाई में, या अन्यथा मरने वालों की संख्या 90 लाख बतलाई जाती है, जो युद्ध में भाग लेने वालों की संख्या का लगभग सातवाँ भाग है।
(ii) नयी राजनीतिक-व्यवस्था का उदय : – प्रथम विश्वयुद्ध और इसके बाद सम्पन्न शांति-संधियों ने अनेक देशों की राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन किया। कई राजतंत्र नष्ट हो गए, कई देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था का उदय हुआ एवं नई साम्यवादी सरकार से विश्व-जनमत रू-ब-रू हुआ।
(iii) राष्ट्रसंघ की स्थापना :- राष्ट्रसंघ की स्थापना 1919 में की गई। इसका उद्देश्य अंतराष्ट्रीय विवादों का शांतिपूर्ण ढंग से समाधान कर युद्ध की विभिषिका को रोकने का प्रयास करना था।
(iv) यूरोप का प्रभाव का कम होना :- यूरोप का वर्चस्व समाप्त हुआ और संयुक्त राज्य अमेरिका विश्व शक्ति बनकर उभरा। वह सैनिक और आर्थिक दृष्टि से यूरोप को पीछे छोड़ दिया।
प्रश्न 3
bihar board class 9 history ch 4
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क्या वर्साय संधि एक आरोपित संधि थी?
उत्तर – पेरिस के उपनगर वर्साय में 28 जून 1919 को एक संधि हुई। उसे वर्साय की संधि के नाम से जाना जाता है। पराजित जर्मनी को संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया। इसीलिए इसे आरोपित संधि भी कहा जाता है। संधि में जर्मनी को युद्ध का जिम्मेवार बताया गया। फ्रांस को अल्सास-लारंन का क्षेत्र वापस दे दिया गया। जर्मनी की सार क्षेत्र की कोयला खदानों को 15 वर्ष के लिए फ्रांस को दे दिया गया तथा इसका प्रशासन राष्ट्रसंघ के अधीन कर दिया गया। जर्मनी को अपने युद्धपूर्व क्षेत्र का कुछ भाग डेनमार्क, बेल्जियम, पोलैंड और चेकोस्लोवाकिया को भी देना पड़ा। राइन नदी की घाटी क्षेत्र को सेनारहित करने का फैसला किया गया। संधि के तहत जर्मनी की सेना 1 लाख तक सीमित कर दी गयी। उससे वायुसेना और पनडुब्बियाँ रखने के अधिकार छीन लिये गए। इनही कारण से वर्साय की संधि एक आरोपित संधि थी |
प्रश्न
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class 9 history ch 4 विश्वयुध्दों का इतिहास
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विस्मार्क की व्यवस्था ने प्रथम विश्वयुद्ध का मार्ग किस तरह प्रशस्त किया ?
उत्तर – जर्मनी के एकीकरण के दौरान विस्मार्क ने फ्रांस के धनी प्रदेश अलसेस-लॉरेन पर अधिकार कर लिया था। मोरक्कों में भी फ्रांसीसी हितों को क्षति पहुँचायी गई थी। इसलिए फ्रांस का जनगत अर्मनी के विरुद्ध था। जर्मनी के एकीकरण के पश्चात वहाँ के चांसलर विस्मार्क ने अपने देश को यूरोपीय राजनीति में प्रभावशाली बनाने के लिए तथा फ्रांस को यूरोप की राजनीति में “मित्रविहिन बनाए रखने के लिए गुप्त संधियों की नीतियाँ अपनाई। उसने ऑस्ट्रिया हंगरी के साथ द्वैध संधि की एक 1882 में उसके इटली और ऑस्ट्रिया के साथ त्रिगुट संधि की “किर यूरोप में एक नए गुत का उदय हुआ जिसमें इंग्लैण्ड, स्क्रीन और रूस सम्मिलत थे। इस प्रकार आपसी तनाव और मतभेद बढ़ता गया और विश्वयुद्ध का मार्ग प्रशस्त हुआ ।
प्रश्न
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bihar board class 9 history ch 4 | विश्वयुध्दों का इतिहास द्वितीय विश्वयुद्ध के क्या कारण थे। विस्तारपूर्वक लिखें।
उत्तर – द्वितीय विश्वयुद्ध के निम्नलिखित कारण थे।
(i) वर्साय की संधि – द्वितीय विश्वयुद्ध के बीज वर्साय की संधि में ही बो दिए गए थे। मित्र राष्ट्रों ने जिस प्रकार का अपमानजनक व्यवहार जर्मनी के साथ किया उसे जर्मन जनमानस कभी भी भूल नहीं सका। जर्मनी को इस संधि पर हस्ताक्षर करने को विवश कर दिया गया। संधि की शर्तों के अनुसार, जर्मन साम्राज्य का एक बड़ा भाग मित्र राष्ट्रों ने उससे छीनकर आपस में बाँट लिया। उसे सैनिक और आर्थिक दृष्टि से पंगु बना दिया गया।
(ii) गृहयुद्ध :- गुटबंदी और सैनिक संधियाँ भी द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए जिम्मेवार थीं। शांति बनाए रखने के नाम पर यूरोप में अनेक संधियाँ हुई। जिसके परिणामस्वरूप यूरोप पुनः दो गुटों में बँट गया। एक गुट का नेता जर्मनी बना और दूसरा गुट का नेता फ्रांस बना। इस गुटबंदी के पीछे सैद्धान्तिक समानता और हितों की एकता थी।
(iii) विश्वव्यापी आर्थिक मंदी : – प्रथम विश्वयुद्ध के बाद 1929-30 के काल में विश्वव्यापी आर्थिक मंदी आया। इससे उद्धार का कोई रास्ता निकट भविष्य में दृष्टिगोचर नहीं हो रहा था। 1931 4/46 अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया थी। 1929 के शरद काल में अमेरिका से यूरोप को ऋण मिलना बिल्कुल बंद हो जाना इस संकट की प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय अभिव्यक्ति थी।
(iv) तात्कालिक कारण- 1939 तक यूरोप पर युद्ध के बादल छा गए थे। अप्रैल 1939 में हिटलर ने पोलैंड से डांजिंग बंदरगाह तथा पोलिश गलियारा जर्मनी को वापस करने की माँग रखी। पोलैंड ने इसे स्वीकार नहीं किया। इससे अंतरराष्ट्रीय संकट उत्पन्न हो गया। इस समस्या को सुलझाने के काफी प्रयास हुए, परंतु वे विफल हो गए। इस बीच पोलैंड ने इंगलैंड और फ्रांस के साथ संधि कर ली। पोलैण्ड पर आक्रमण करना द्वितीये विश्व युद्ध का तत्कालिक कारण था ।
(v) तुष्टिकरण की नीति – इंगलैंड की तुष्टिकरण की नीति भी बहुत हद तक द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए जिम्मेवार थीं। पश्चिमी पूँजीवादी देश साम्यवादी रूस को नफरत की दृष्टि से देखते थे। वे चाहते थे. कि हिटलर किसी भी तरह सोवियत रूस पर हमला कर दे, जिससे दोनों कमजोर हो जाए और तब वे हस्तक्षेप करके दोनों शक्ति को बर्बाद कर देंगे। तुष्टिकरण की दिशा में अंतिम कदम म्युनिख समझौता था।
bihar board class 9 history ch 4 | विश्वयुध्दों का इतिहास प्रश्न 6
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द्वितीय विश्वयुद्ध के परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर – द्वितीय विश्वयुद्ध के निम्नलिखित परिणाम थे
(i) धन-जन की हानि :- इस युद्ध में व्यापक धन-जन की हानि हुई। यह इतिहास का ३४. सबसे विनाशकारी युद्ध था। फासीवादियों ने यूरोप के एक बड़े भाग को बहुत बड़ा कब्रिस्तान बना रखा था। लगभग 60 लाख यहूदियों का जर्मनी ने मौत के घाट उतार दिया था। लाखों लोगों की हत्या यंत्रणा शिविरों में कर दी गयी। जापान पर की गई बमबारी और इससे हुए क्षति का आकलन, संभव नहीं था। इस युद्ध में जितने लोग काल कलवित हुए उसका इतिहास में कोई उदाहरण नहीं मिलता।
(ii) यूरोपीय श्रेष्ठता और उपनिवेशों का अंत- द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद एशिया महाद्वीप से यूरोपीय राष्ट्रों की प्रभुता लगभग समाप्त हो गई। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद भारत, श्रीलंका, बर्मा, मलाया, हिंदेशिया, मिस्र इत्यादि ने स्वतंत्रता पाई। यूरोपीय श्रेष्ठता का भी अंत हुआ।
(iii) इंगलैंड की शक्ति का ह्रास और रूस तथा अमेरिका की शक्ति में वृद्धि- प्रत्यक्ष रूप से तो युद्ध में जर्मनी, जापान और इटली की हार हुई थी, लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से इस युद्ध में इंगलैंड की भी पराजय हुई। युद्ध के बाद इंगलैंड विश्व की सबसे बड़ी शक्ति नहीं रह गया। इंगलैंड के उपनिवेश मुक्त हो गए, इंगलैंड की शक्ति और संसाधन सीमित हो गए
(iv) संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना- द्वितीय विश्वयुद्ध के उपरांत संयुक्त राष्ट्र संघ का निर्माण कर विश्व शांति को कायम करने की चेष्टा गई की। द्वितीय विश्वयुद्ध ने शांति और अशांति के दो निर्णायक केन्द्र परमाणु बमों का विकास व शस्त्रीकरण और संयुक्त राष्ट्रसंघ की स्थापना को सामने लाया, जो आज भी सम्पूर्ण विश्व को नियंत्रित-निर्देशित कर रहे हैं।,
(v) विश्व में गुटों का निर्माण- पहले विश्व की राजनीति में इंगलैंड छाया हुआ था, लेकिन द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व साम्यवादी और पूँजीवादी खेमे में बँट गया। साम्यवादी खेमा का नेतृत्व सोवियत रूस कर रहा था, तो पूँजीवादी खेमा का नेतृत्व संयुक्त राज्य अमेरिका कर रहा था। एक गुटनिरपेक्ष राज्यों के संघ के रूप में तीसरा खेमा सामने आया। यह मूलतः नवोदित स्वतंत्र और विकासशील राष्ट्र थे।
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