bihar board class 9th ch 5 नाजीवाद | History

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अभ्यास प्रश्न

Table of Contents

  1. वस्तुनिष्ठ प्रश्न :

 

प्रश्न 1. हिटलर का जन्म कहाँ हुआ था?

उत्तर – (घ) आस्ट्रिया

 

प्रश्न 2. नाजी पार्टी का प्रतीक चिह्न क्या था ?

उत्तर – (ख) स्वास्तिक

 

प्रश्न 3. ‘मीनकैम्फ’ किसकी रचना है।

उत्तर – (ख) हिटलर

 

प्रश्न 4. जर्मनी का प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र था।

उत्तर – (ख) रूर

 

प्रश्न 5. जर्मनी की मुद्रा का नाम क्या था।

उत्तर – (ग)  ड्यूश मार्क ( 2002 तक )

 

प्रश्न 6. जर्मनी की मुद्रा का नाम क्या है अब ।

उत्तर – यूरो  ( 2002 से )

 

॥. सही कथनों का चुनाव करें :

प्रश्न

  1. हिटलर लोकतंत्र का समर्थक नहीं था।

उत्तर – सही

 

प्रश्न

  1. नाजीवादी कार्यक्रम यहूदी समर्थक था।

उत्तर – गलत

 

प्रश्न

  1. नाजीवाद में निरंकुश सरकार का प्रावधान था।।

उत्तर -सही

 

प्रश्न

  1. वर्साय संधि में हिटलर के उत्कर्ष के बीज निहित थे।

उत्तर – सही

 

प्रश्न

  1. नाजीवाद में सैनिक शक्ति एवं हिंसा को गौरवान्वित किया जाता है।

उत्तर – सही

 

प्रश्न

iii  रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

  1. हिटलर का जन्म …………… ई० में हुआ था।

उत्तर – 20 अप्रैल 1889

 

प्रश्न

  1. हिटलर जर्मनी के चांसलर का पद ……………. ई० में संभाला था।

उत्तर – 30 January 1933

 

प्रश्न

  1. जर्मनी ने राष्ट्रसंघ से संबंध विच्छेद ………………. ई० में किया था।

उत्तर – 1933

 

प्रश्न

  1. नाजीवाद का प्रवर्त्तक …………….. था।

उत्तर – हिटलर

 

प्रश्न

  1. जर्मनी के निम्न सदन को ……………… कहा जाता था।

उत्तर – राईख स्टेग

 

Note नाजी पार्टी का प्रतीक चिह्न क्या था ?

उत्तर – (ख) स्वास्तिक

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bihar board class 9th ch 5 नाजीवाद प्रश्न 20 शब्दों में उत्तर दें :

 

  1. तानाशाह :– वैसी शासन व्यवस्था जिसमे सत्ता किसी एक व्यक्ति के द्वारा नियंत्रित की जाती हो।

 

  1. वर्साय संधि :- वर्साय की संधि 28 जून 1919 को हुई थी जिसमें जर्मनी को अपमानित किया गया था।

 

  1. तुष्टिकरण की नीति :- किसी दो व्यक्ति या देश को आपस में लड़ने से किसी तीसरे व्यक्ति या देश को लाभ हो तो उसे तुष्टिकरण की नीति कहते है।

 

  1. वाइमर गणराज्य :- 5 फरवरी 1919 ई० को संविधान सभा की प्रथम बैठक वाइमर नामक स्थान पर हुई इसलिए यह संविधान, वाइमर संविधान के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

 

  1. साम्यवाद :- एक सामाजिक और आर्थिक सिद्धांत है, जो निजी स्वामित्व या संपत्ती के नियंत्रन के बजाए सार्वजनिक मांग करता है।

 

  1. तृतीय राइरव :- जर्मनी में गणतंत्र की समाप्ति और नात्सी क्रांति की शुरुआत को हिटलर ने ‘तृतीय राइख का नाम दिया।

 

  1. नाजीवाद :- नाजीवाद एक आक्रामक विचारधारा थी जिसमें राष्ट्र की सर्वोपरिता को सबसे महत्वपूर्ण माना गया।

 

  1. bihar board class 9th ch 5 नाजीवाद सही मिलान करें :

प्रश्न

  1. गेस्टापो              (क) जर्मनी का शहर
  2. वाइमर               (ख) यहूदियों के प्रार्थनागृह
  3. सिनेगाँव             (ग) गुप्तचर पुलिस
  4. ब्राउन शर्टस        (घ) निजी सेना
  5. हिंडेनबर्ग            (ङ) जर्मनी राष्ट्रपति

सही मिलान करें :

उत्तर –

  1. गेस्टापो             (ग) गुप्तचर पुलिस
  2. वाइमर              (क) जर्मनी का शहर
  3. सिनेगाँव            (ख) यहूदियों के प्रार्थनागृह
  4. ब्राउन शर्टस      (घ) निजी सेना
  5. हिंडेनबर्ग          (ङ) जर्मनी राष्ट्रपति

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  1. लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न

  1. bihar board class 9th ch 5 वर्साय संधि ने हिटलर के उदय की पृष्ठभूमि तैयार की कैसे?

उत्तर – वर्साय की संधि के कारण आर्थिक संकट और बेरोजगारी की समस्या चरम पर पहुँच गई। आर्थिक दृष्टि से खास्ता हाल जर्मनी पर वर्साय -संधि द्वारा क्षतिपूर्ति की 6 अरब 10 करोड़ पौंड की राशि लाद दी गई। उसके औद्योगिक नगर मित्र राष्ट्रों ने छिन लिए और समस्त जर्मन व्यापार नष्ट हो गया था। अतः सारे जर्मनी में अव्यवस्था एवं असंतोष का वातावरण मौजूद था जिसने हिटलर के उदय की पृष्ठभूमि तैयार किया।

 

प्रश्न

  1. वाइमर गणतंत्र नाजीवाद के उदय में सहायक बना कैसे?

उत्तर – 5 फरवरी 1919 ई. को वाइमर नामक स्थान पर संविधान सभा का पहला बैठक हुआ। यह संविधान 10 अगस्त 1919 ई. को लागू हुआ। वाइमर संविधान के अनुसार जर्मनी में संसदीय शासन व्यवस्था की स्थापना की गई तथा राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियाँ प्रदान की गई। परन्तु नया वाइमर गणतंत्र युद्धोपरांत जर्मनी की स्थिति संभालने में असफल रहा फलत जनता में. काफी आक्रोश था।जिसने नाजीवाद के उदय में सहायक बना।

 

प्रश्न

  1. नाजीवाद कार्यक्रम ने द्वितीय विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि तैयार की कैसे?

उत्तर – नाजीवाद कार्यक्रम उग्र राष्ट्रवाद पर बल देता है। चूँकि जर्मनी में प्रारंभ से ही उग्र राष्ट्रवाद एवं सैनिक तत्व की परंपरा रही है। अतः हिटलर ने जर्मनी के इस मनोवृति का लाभ उठाया तथा अपने आक्रामक वक्तव्य के द्वारा पूरे जर्मन वासियों को अपमान का बदला लेने के लिए मानसिक स्तर पर तैयार कर दिया जिसने जर्मनी को दूसरे विश्व युद्ध लिए प्रेरित किया।

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प्रश्न

  1. bihar board class 9th ch 5 नाजीवाद क्या साम्यवाद के भय ने जर्मन पूँजीपतियों को हिटलर का समर्थक बनाया ?

उत्तर – 1917 की रूसी क्रांति का प्रभाव जर्मनी पर पड़ा। यहाँ भी साम्यवादी संगठनों का निर्माण हुआ। साम्यवादियों ने वाइमर गणतंत्र को उखाड़ने एवं सर्वहारा वर्ग का अधिनायकवाद लाने. का. प्रयास किया। अतः जर्मनी का उद्योगपति, पूँजीपति एवं जमींदार वर्ग काफी भयभीत हो गया। इस प्रकार, हिटलर ने साम्यवाद विरोधी नारा देकर समाज के धनी वर्गों की सहानुभूति भी अपने पक्ष में कर लिया।

 

प्रश्न

  1. रोम-बर्लिन टोकियो धुरी क्या है?

उत्तर – हिटलर की आक्रामक नीति ने जर्मनी को अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी से अलग कर दिया था। अतः मित्र की तलाश में हिटलर ने इटली की ओर हाथ बढ़ाया और इस प्रकार रोम-बर्लिन धुरी का निर्माण हुआ। इन दोनों मित्रों ने स्पेन के सैनिक शासक जेनरल फ्रैंक की भी मदद पहुँचाई।

 

प्रश्न

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VII. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

  1. हिटलर के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालें।

उत्तर – एडोल्फ हिटलर का जन्म 20 अप्रैल, 1889 ई० को आस्ट्रिया के ब्रौना नामक शहर में एक साधारण परिवार में हुआ था। उसका लालन-पालन सही तरह से नहीं हो सका। बचपन में वह चित्रकार बनना चाहता था परन्तु उसकी इच्छा पूरी नहीं हो सकी। अंततः उसने सेना में नौकरी कर ली। प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) में वह जर्मनी की तरफ से लड़ा था और युद्ध में अभूतपूर्व वीरता के लिए उसे ‘आयरन क्रास’ प्राप्त हुआ था। परन्तु जननी द्वारा विराम संधि पर हस्ताक्षर करने से उसे भारी निराशा हुई। युद्ध के बाद वह ‘जर्मन वर्कर्स पार्टी’ का सदस्य बना) 1920 ई० में इस पार्टी का नाम बदलकर ‘नशनल सोशलिस्ट जर्मन वर्कर्स पार्टी’ रखा गया। धीरे-धीरे हिटलर इसका फ्यूहरर (नेता) बन गया। उसने 1923 में पहला विद्रोह किया जो असफल हुआ और उसे जेल जाना पड़ा जेल में ही उसने अपनी आत्मकथा मीनकैम्फ की रचना कीया 1924 ई. के अंत में उसे रिहा किया गया। बाद में राष्ट्रपति हिंडेनवर्ग ने 30 जनवरी 1933 को हिटलर को जर्मनी का चांसलर मनोनीत किया। फलत: उसने निरंकुश अधिकार प्राप्त किया।

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प्रश्न
  1. हिटलर की विदेश नीति जर्मनी की खोई प्रतिष्ठा प्राप्त करने का एक साधन था। कैसे?

उत्तर – प्रथम विश्व युद्धोपरांत पराजित जर्मनी पर मित्र राष्ट्रों द्वारा वर्साय संधि की अपमानजनक शर्ते लाद दी गई थी। सैनिक एवं आर्थिक रूप से जर्मनी को पंगु बना दिया गया था। पूरे जर्मनी में वाइमर गणतंत्र एवं मित्र राष्ट्रों के खिलाफ बदले की भावना प्रज्वलित हो रही थी। अत: हिटलर ने इस परिस्थिति का भरपूर फायदा उठाया एवं बड़ी सावधानी से विदेश नीति का अवलंबन किया। उसने विदेश नीति के मूल सिद्धांत थे-

(i)  राष्ट्रसंघ से पृथक होना :-  हिटलर ने अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सर्वप्रथम 1933 में जेनेवा निःशस्त्रीकरण की शर्तें सभी राष्ट्रों पर समान रूप से लागू करने की माँग की ।

(ii)  वर्साय की संधि को भंग करना :- 1935 में हिटलर ने वर्साय संधि की निःशस्त्रीकरण संबंधी सभी धाराओं को तोड़ने की घोषणा की एवं उसने पूरे जर्मनी में अनिवार्य सैनिक सेवा लागू कर दिया।

(iii)  ब्रिटेन से समझौता:- जून 1935 में जर्मनी तथा ब्रिटेन में समझौता हो गया जिसके अनुसार जर्मनी अपनी सैन्य शक्ति (स्थल तथा वायु सेना) 35 प्रतिशत तक बढ़ा सकता था।

(iv) कामिन्टर्न विरोधी समझौता :-  साम्यवादी खतरा से बचने के लिए जर्मनी, इटली एवं जापान के बीच कामिन्टर्न विरोधी समझौता 1936 ई० में संपन्न हुआ जो कालान्तर में धुरी राष्ट्र के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

(v) आस्ट्रिया एवं चेकोस्लोवाकिया का विलयन :- जर्मन भाषा-भाषी को एका सूत्र बाँधना भी हिटलर की विदेश नीति का लक्ष्य था। अतः वह आस्ट्रिया को अपने साम्राज्य में मिलाना चाहता था। प्रारंभ में इटली ने विरोध किया परन्तु अंततः आस्ट्रिया को जर्मन साम्राज्य में मिला लिया गया फलत: हिटलर का मनोबल काफी बढ़ गया।

(vi) पोलैण्ड पर आक्रमण :- पोलैण्ड के डान्जिंग बदरगाह पर आक्रमण करना हिटलर का अगला लक्ष्य था। पोलैण्ड को बाल्टिक सागर तक पहुँचने के लिए जर्मनी का कुछ भूभाग दे दिया गया था, जिसे पोलिश गलियारा कहा जाता था। हिटलर ने डान्जिंग बंदरगाह तथा पोलिश गलियारे की माँग की एवं इसी प्रश्न पर जब उसने पोलैंड पर 1 सितम्बर 1939 को आक्रमण कर दिया ।

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प्रश्न

  1. नाजीवादी दर्शन निरंकुशता का समर्थक एवं लोकतंत्र का विरोधी था। विवेचना कीजिए।

उत्तर –  नाजीवाद दर्शन निम्नलिखित बिन्दुओं पर बल देता है।

(i) नाजीवाद में उदारवाद एवं लोकतंत्र का कट्टर विरोध की अवधारणा है। अतः हिटलर ने सत्ता प्राप्त करते ही प्रेस तथा वाक् अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगा दिया एवं विरोधी दलों का सफाया कर दिया।

(ii) यह दर्शन अंतर्राष्ट्रीय समाजवाद का भी प्रबल विरोधी है। हिटलर ने भी समाजवाद के विरुद्ध आवाज बुलंद किया तथा जर्मन पूँजीपतियों को अपनी ओर मिला लिया। हिटलर के इस कार्य को इंगलैण्ड एवं फ्रांस की ओर से भी अप्रत्यक्ष समर्थन मिला जिसके कारण उसका मनोबल बढ़ता गया।

(iii) नाजीवादी दर्शन में सर्वसत्तावादी राज्य की संकल्पना है। अर्थात् इसके अनुसार राज्य के भीतर ही सब कुछ है, राज्य के बाहर एवं विरुद्ध कुछ नहीं है।

(iv) नाजीवाद राजा की निरंकुश शक्ति पर बल प्रदान करता है। जर्मनी में हिटलर ने निरंकुश शक्ति का सहारा लिया। सत्ता में आते ही उसने गुप्तचर पुलिस ‘गेस्टापों’ का संगठन किया जिसका आतंक पूरे जर्मनी पर छा गया।

(v) नाजीवादी दर्शन में सैनिक शक्ति एवं हिंसा को महिमामंडित किया जाता है। इस प्रकार नाजीवादी दर्शन द्वारा जर्मनी में असंतोष का फायदा हिटलर ने उठाया।

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