devvani sanskrit class 7 ch 4 | चत्वारि धामानि

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चतुर्थः पाठ:

चत्वारि धामानि

संवाद:

आचार्या – सुलेखे ! भवती जानाति किं कः अयं महापुरुष: ?

हिंदी में –

अध्यापक – सुलेख! क्या आप जानते हैं यह महान व्यक्ति कौन है?

 

सुलेखा आर्ये! अयं खलु जगद्गुरुः शङ्कराचार्यः।

हिंदी में – सुलेखा आर्ये! ये सचमुच सार्वभौम गुरु शंकराचार्य हैं।

 

अभिषेकः आम्! अहमपि जानामि एते किल तस्य चत्वारः शिष्याः ।

हिंदी में – अभिषेक: हाँ! मैं यह भी जानता हूं कि ये उनके चार शिष्य हैं

 

अविनाश: – शङ्कराचार्यस्य प्रथमशिष्यस्य नाम सुरेश्वराचार्यः इति ।

हिंदी में – अविनाश: – शंकराचार्य के पहले शिष्य का नाम सुरेश्वराचार्य था।

 

आचार्या – अविनाश ! अन्येषां त्रयाणां शिष्याणां नामानि कानि ?

हिंदी में – आचार्य- अविनाश! अन्य तीन शिष्यों के नाम क्या हैं?

 

अविनाशः अहं न जानामि ।

हिंदी में – मैं अविनाश के बारे में नहीं जानता

 

श्रुति – द्वितीयः शिष्यः हस्तामलकः, तृतीयः शिष्यः त्रोटकाचार्य:, चतुर्थः शिष्यः पद्मपादः चास्ति।

हिंदी में – श्रुति: दूसरे शिष्य हस्तमाला, तीसरे शिष्य त्रोटकाचार्य और चौथे शिष्य पद्मपाद हैं।

 

आचार्या – साधु! अपि जानन्ति शङ्करमठानि ?

हिंदी में – आचार्य- साधु! क्या वे शंकर मठों को जानते हैं?

 

सर्वे – न जानीम: ।

हिंदी में – सर्वे – हम नहीं जानते।

 

आचार्या – शङ्कराचार्येण चतुर्षु स्थानेषु चतसृषु दिक्षु चत्वारि मठानि स्थापितानि। तानि चत्वारि पवित्रधामानि इति प्रसिद्धानि ।

हिंदी में – आचार्य: शंकराचार्य ने चार दिशाओं में चार स्थानों पर चार मठों की स्थापना की। इन्हें चार धामों के नाम से जाना जाता है।

 

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अभिषेक: – आर्ये! उत्तरदिशि बदरीनाथः, दक्षिणदिशि रामेश्वरम्, पश्चिमदिशि द्वारका, पूर्वदिशि च जगन्नाथपुरी इति किल चत्वारि धामानि ।

हिंदी में – अभिषेक:- आर्य! उत्तर में बद्रीनाथ, दक्षिण में रामेश्‍वरम, पश्चिम में द्वारका और पूर्व में जगन्‍नाथपुरी नाम से चार मंदिर हैं।

 

आचार्या – सत्यम् ! किन्तु धर्मप्रचाराय शङ्कराचार्येण स्थापितानि मठानि अपि चत्वारि धामानि इति प्रसिद्धानि । तानि चतसृषु दिक्षु सन्ति ।

हिंदी में – अध्यापक: सत्य! हालाँकि, धर्म के प्रचार के लिए शंकर आचार्य द्वारा स्थापित मठों को चार धामों के रूप में भी जाना जाता है। वे चारों दिशाओं में स्थित हैं।

 

सुलेखा – तानि धामानि कानि ?

हिंदी में – सुलेखा- वो कौन सी जगहें हैं?

 

आचार्या –  शृङ्गेरिमठम्, गोर्वधनमठम्, शारदामठम्, ज्योतिर्मठम् च।

हिंदी में – आचार्य – श्रृंगेरी मठ, गोर्वधन मठ, शारदा मठ और ज्योतिर मठ।

 

अविनाश: – कस्यां कस्यां दिशि सन्ति?

हिंदी में – अविनाश:- किस-किस दिशा में हैं?

 

आचार्या – पश्यन्तु इदं कोष्ठकम्, स्पष्टं भवति

हिंदी में – अध्यापक: इस कोठरी को देखो, यह स्पष्ट हो जाता है

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आचार्य –  धर्म एव भारतस्य एकतायाः मूलाधारः । “धर्मो रक्षति रक्षितः ” अतः धर्मरक्षणेन एव भारतं संरक्षितं भवति। धर्मरक्षणार्थं वेदान्ततत्त्वानां प्रचारार्थम् एतानि मठानि स्थापितानि । मठानां संस्थापकं जगद्गुरुम् आदिशङ्करं स्मरामः ।

हिंदी में – आचार्य: धर्म ही भारत की एकता का मूल है। “धर्मो रक्षति रक्षितः” अत: धर्म की रक्षा से ही भारत की रक्षा होती है। इन मठों की स्थापना धर्म के संरक्षण और वेदांत के सिद्धांतों के प्रसार के लिए की गई थी। हम मठों के संस्थापक, ब्रह्मांड के आध्यात्मिक गुरु आदि शंकराचार्य को याद करते हैं।

 

“श्रुतिस्मृति पुराणानाम् आलयं करुणालयम् ।

नमामि भगवत्पादं शङ्करं लोकशङ्करम् ॥”

हिंदी में – “शास्त्र, स्मृति और पुराण का निवास करुणा का निवास है।

मैं ब्रह्मांड के स्वामी, भगवान शिव के परम व्यक्तित्व के चरणों में झुकता हूं।

 

संकलनात्मकं मूल्याङ्कनम्

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अभ्यासः

१. एकपदेन उत्तरं लिखत

( एक शब्द में उत्तर लिखो )

प्रश्न 1.

(क) शारदामठं कस्यां दिशि अस्ति?

( शारदामठ किस दिशा में है?)

उत्तर: पश्चिम दिशि

 

(ख) शङ्कराचार्यस्य प्रथमशिष्यस्य नाम किम्?

[ शंकराचार्यके पहले शिष्य का नाम क्या है? ]

उत्तर: सुरेश्वराचार्यः

 

(ग) ज्योतिर्मठ कुत्र ‘अस्ति? ( ज्योतिर्मठ कहाँ पर है? )

उत्तर: उत्तराखण्डराज्ये

 

(घ) द्वारका कस्मिन् राज्ये अस्ति?

( द्वारका किस राज्य में है? )

उत्तर:- गुजरात राज्ये

 

(ङ) जगद्गुरु कः आसीत्?

( जगद्गुरु कौन थे? )

उत्तर:- शङ्कराचार्यः।

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प्रश्न 2.

२. एकवाक्येन उत्तरं लिखत

( एक वाक्य में उत्तर लिखो )

 

(क) शङ्कराचार्येण स्थापितानां मठानां नामानि कानि ?

( शंकराचार्य के द्वारा स्थापित मठों के नाम क्या हैं? )

उत्तर:- शङ्कराचार्येण स्थापितानां मठानां नामानि सन्ति

( शंकराचार्य द्वारा स्थापित मठों के नाम हैं )

(1) शृङ्गेरिमठम्

(2) गोवर्धनमठम्

(3) शारदामठम्

(4) ज्योतिर्मठम्।

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(ख) कः कस्य एकतायाः मूलाधारः ?

( किसी की एकता का मूल आधार क्या है? )

उत्तर: धर्मः भारतस्य एकतायाः मूलाधारः ।

( धर्म भारत की एकता का मूल आधार है । )

 

(ग) मठानि किमर्थं स्थापितानि?

( मठों की स्थापना किसलिए की गई? )

उत्तर: – धर्मरक्षार्थं वेदान्ततत्वानां प्रचारार्थम् च मठानि स्थापितानि ।

( धर्म की रक्षा के लिए और वेदान्त तत्वों के प्रचार के लिए मठों की स्थापना की गई । )

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(घ) शङ्कराचार्यस्य चत्वारः शिष्याः के?

[शंकराचार्य के चार शिष्य कौन थे? ]

उत्तर: – शङ्कराचार्यस्य प्रथम शिष्यः सुरेश्वराचार्यः, द्वितीयः शिष्य हस्तामलकः, तृतीय शिष्यः त्रोटकाचार्यः, चतुर्थः शिष्यः पद्मपादः इति ।

( शंकराचार्य के प्रथम शिष्य सुरेश्वराचार्य, द्वितीय शिष्य हस्तामलक, तीसरे शिष्य त्रोटकाचार्य और चौथे शिष्य पद्मपाद थे। )

 

(ङ) भारतं कथं संरक्षितं भवति ?

( भारत किस तरह सुरक्षित है? )

उत्तर: – धर्मरक्षणेन एव भारतम् संरक्षितं भवति ।

( धर्म की रक्षा करने से ही भारत सुरक्षित है । )

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. समानार्थकशब्दानां मेलनं कुरुत       

         ()                                           ()

(क) दक्षिणदिशि                   1) शङ्कराचार्य:

(ख) पश्चिमदिशि                    2) गोवर्धनमठम्

(ग) बदरीनाथे                       3) शृङ्गेरिमठम्

(घ) उड़ीसाराज्ये                   4) ज्योतिर्मठम्

(ङ) जगद्गुरुः                      5) शारदामठम्

उत्तर:

(क) — (3)

(ख) → (5)

(ग) → (4)

(घ) → (2)

(ङ) → (1)

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प्रश्न 4.

४. कोष्ठकपदानि उपयुज्य रिक्तस्थानानि पूरयत

( कोष्ठक के शब्दों का प्रयोग करके रिक्त स्थानों को भरो )

(क) नमामि ………… शङ्करं लोकशङ्करम् ।

उत्तर: – भगवत्पादं

 

(ख) पूर्वदिशि ………….. अस्ति ।

उत्तर: – गोवर्धनमठम्

 

(ग) ……….. रक्षति रक्षितः ।

उत्तर:- धर्मो

 

(घ) शङ्कराचार्यस्य चतुर्थः शिष्यः………… ।

उत्तर: – पद्मपाद

 

(ङ) धर्म एव भारतस्य एकतायाः …………. ….. अस्ति ।

उत्तर: – मूलाधारः

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प्रश्न 5.

५.विलोमपदानि लिखत

( विलोम शब्द लिखो )

(क) धर्मः …………………. ।

(ख) प्रसिद्धानि- …………. ।

(ग) स्मरणम् ……………… ।

(घ) गुरु: ……………………. ।

(ङ) ज्ञानम् ………………..…।

उत्तर:

(क) अधर्मः

(ख) अप्रसिद्धानि

(ग) विस्मरणम्

(घ) शिष्यः

(ङ) अज्ञानम्

 

प्रश्न 6.

६. एतेषां बहुवचवन रूपाणि लिखत

( प्रथमा – बहुवचन के रूप लिखो )

 

(क) अहम्- ……………………. ।

(ख) नाम – …………………….. ।

(ग) शिष्यः- ……………………. ।

(घ) धाम  – …………………….. ।

(ङ) मठम् …………………….…।

उत्तर:

(क) वयम्

(ख) नामानि

(ग) शिष्याः

(घ) धामानि:

(ङ) मठानि ।

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