bihar board class 10 economics ch 2 | राज्य एवं राष्ट्र की आय

bihar board class 10 economics ch 2 राज्य एवं राष्ट्र की आय

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राज्य एवं राष्ट्र की आय

राज्य एवं राष्ट्र की आय

सही विकल्प चुनें।

प्रश्न 1.
सन् 2008-09 के अनुसार भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय है
(क) 22,553 रुपये
(ख) 25,494 रुपये
(ग) 6,610 रुपये
(घ) 54,850 रुपये
उत्तर-
(ख) 25,494 रुपये

प्रश्न 2.
भारत में वित्तीय वर्ष कहा जाता है-
(क) 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक
(ख) 1 जुलाई से 30 जून तक।
(ग) 21 अप्रैल से 31 मार्च तक
(घ) 1 दिसम्बर से 31 अगस्त तक
उत्तर-
(ग) 21 अप्रैल से 31 मार्च तक

प्रश्न 3.
भारत में किस राज्य का प्रति व्यक्ति आय सर्वाधिक है ?
(क) बिहार
(ख) पंजाब
(ग) हरियाणा
(घ) गोवा
उत्तर-
(घ) गोवा

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प्रश्न 4.
बिहार के किस जिले का प्रति-व्यक्ति आय सर्वाधिक है ?
(क) पटना
(ख) गया
(ग) शिवहर
(घ) नालंदा
उत्तर-
(क) पटना

प्रश्न 5.
उत्पादन एवं आय गणना विधि आर्थिक दृष्टिकोण से है
(क) सहज
(ख) वैज्ञानिक
(ग) व्यावहारिक
(घ) उपर्युक्त तीनों
उत्तर-
(घ) उपर्युक्त तीनों

  1. रिक्त स्थानों को भरें:

प्रश्न 1.
बिहार की………………..प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करती है।
उत्तर-
41.4

प्रश्न 2.
उत्पादन, आय एवं…………..एक चक्रीय समूह का निर्माण करते हैं।
उत्तर-
व्यय

प्रश्न 3.
राष्ट्रीय आय में वृद्धि होने से प्रति-व्यक्ति आय में………… होती है।
उत्तर-
वद्धि

प्रश्न 4.
राष्ट्रीय आय एवं प्रति-व्यक्ति आय में वृद्धि होने से………….”की क्रिया पूरी होती है।
उत्तर-
विकास

प्रश्न 5.
बिहार में वर्ष 2008-09 के बीच कुल घरेलू उत्पाद……………प्रतिशत हो गया।
उत्तर-
11.03

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III. सही एवं गलत कथन की पहचान करें।

  1. राष्ट्रीय आय एक दिन हुए समय का किसी अर्थव्यवस्था की उत्पादन शक्ति को मापती है।
    2. उत्पादन आय एवं व्यय एक चक्रीय समूह का निर्माण नहीं करती है।
    3. भारत की प्रति-व्यक्ति आय अमेरिका के प्रति व्यक्ति आय से अधिक है।
    4. दादा भाई नैरोजी के अनुसार सन् 1968 में भारत की प्रति-व्यक्ति आय 20 रुपये थी।
    5. बिहार के प्रति व्यक्ति आय में कृषि क्षेत्र का योगदान सर्वाधिक है।
    उत्तर-
    1. सही,
    2. गलत,
    3. गलत,
    4. सही,
    5. सही।

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  1. संक्षिप्त रूप को पूरा करें। Some important full forms

(i)G.D.P.
उत्तर-
Gross Domestic Product

(ii)P.C.L.
उत्तर-
Per capita Income.

(iii) N.S.S.o.
उतर-
National Sample Survey Organisation.

(iV) C.S.O.
उत्तर-
Central Statistical Organisation.

(v) G.N.P.
उत्तर-
Gross National Product

(vi) N.N.P.
उत्तर-
Net National Product.

(vii) N.I
उत्तर-
National Income.

(viii) E.D.I.
उत्तर-
Economic Development of India.

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लघु उत्तरीय प्रश्न –

प्रश्न

  1. आय से आप क्या समझते है?

उत्तर- जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार का शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करता हैं और उसके बदले में जो भी राशि उसें प्राप्त होती है वहीं उस व्यक्ति कि आय होती हैं। आय के विभिन्न स्वरूप होते है। जैसे-मजदुर को मजदुरी, व्यवस्थापक को वेतन, उधोगपत्तियों को लाभ या हानि आय के रूप में प्राप्त होती हैं।

कुछ महत्वपूर्ण शब्द का पूर्ण रुप

  1. D.P– Gross Domestic Product. ( सकल घरेलु उत्पाद )
  2. NREGA– National Rural Employment Grantee Act. ( राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम )
  3. NNP– Net National Product ( शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद )
  4. GNP– Gross National Product ( सकल राष्ट्रीय उत्पाद )
  5. PCT– Per capita income ( प्रति वेक्ति आय )
  6. S.S.O– National Sample Survey organization. ( राष्ट्रीय पतिदर्श सर्वेक्षण संगठन )
  7. CSO– Central Statistical organization ( केन्द्रीय सांख्यिकीय संगठन)
  8. NI– National ( राष्ट्रीय आय )
  9. EDI– Economic Development of India ( भारत में आर्थिक विकास )

प्रश्न

  1. सकल घरेलु उत्पाद से आप क्या समझते है?

उत्तर- एक देश की सीमा के अंदर किसी भी दी गई समयअवधि प्रायः एक वर्ष (लेखा वर्ष) में उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का कुल बाजार या मौद्रिक मुल्य उस देश का सकल घरेलु उत्याद (CDP) कहलाता है।

 प्रश्न

3 प्रतिव्यक्ति आय से आप क्या समझते है?

उत्तर- जब किसी देश कि कुल राष्ट्रीय आय में उस देश कि कुल जनसंख्या से भाग दिया जाता है तो आनेवाला भागफल हीं प्रतिव्यक्ति आय को प्रदर्शित करता है|

अतः, प्रतिव्यक्ति आय = कुल राष्ट्रिय आय / कुल जनसंख्या

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प्रश्न

4 भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना कब और किनके द्वारा की गई थीं?

उत्तर- भारत में सर्वप्रथम राष्ट्रीय आय की गणना “दादा भाई नौरोजी” के द्वारा 1868 ई० में की गई थीं। इन्होने अपनी पुस्तक “प्रोवर्टी एण्ड अनब्रिटिश रुल इन इंडिया” में भारत में प्रतिव्यक्ति आय को 20रू. बताया था।

प्रश्न

  1. 5. भारत में राष्ट्रीय आय की गणना किस संस्था के द्वारा होती हैं?

उत्तर- भारत में राष्ट्रीय आय की गणना “केन्द्रीय सांख्यकीय संगठन (CSO)” के द्वारा कि जाती है तथा राष्ट्रीय आय को मापने में इसकी मदद National Sample Survey Organisation (NSSO) करता है।

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प्रश्न

  1. राष्ट्रीय आय कि गणना में होनेवाली कठिनाइयों का वर्णन करें?

उत्तर- राष्ट्रीय आय कि गणना में होनेवाली कठिनाइयाँ निम्नलिखित हैं-

(i) आकड़ों को एकत्रित करने में कठिनाइयाँ ।

(ii) दोहरी गणना कि संभावना I

(iii) मुल्यों को मापने में कठिनाइयाँ ।

(iv) विश्वसनीय ऑकड़ा को प्राप्त करने में कठिनाइयाँ।

प्रश्न

  1. आय का गरीबी के साथ संबंध स्थापित करें|

उत्तर- जब कोई व्यक्ति अपने परिवार कि वुनियादी सुविधाओं जैसे-रोटी, कपड़ा और मकान के अतिरिक्त शिक्षा का प्रबंध नहीं कर पाता है, गरीब कहलाता है।

आय घटने से गरीबी बढ़ता है तथा आय बढ़ने से गरीबी घट जाता हैं। अतः आय तथा गरीबी मे व्युक्रमानुपाती का संबंध है।

अर्थात                      आय X 1 / गरीबी

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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-

प्रश्न

1 स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत सरकार ने कब और किस उद्देश्य से राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया?

उत्तर- स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत सरकार नें अगस्त 1949 ई में “प्रो० पी० सी० महालनोबिस” (Prasanta Chandra Mahalanobis) की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय आय समिति का गठन किया था, जिसका उद्देश्य भारत की राष्द्रीय आय के संबंध में अनुमान लगाना था। इस समिति ने अप्रैल 1951 में अपनी प्रथम रिपोर्ट प्रस्तुत की थीं। इसमें सन् 1948-49 के लिए देश की कुल राष्ट्रीय आय 8650 करोड़ रूपयें बताई गई तथा प्रति व्यक्ति आय 246.9 रूपये बताई गई। सन् 1954 के बाद राष्ट्रीय आय के ऑकड़ों का संकलन करने के लिए सरकार ने “केन्द्रिय साख्यिकीय संगठंन (CSO)” की स्थापना की। यह संस्था नियमित रुप से राष्ट्रीय आय के ऑकड़े प्रकाशित करती है, राष्ट्रीय आय के सृजन में अर्थव्यवस्था के तीनों क्षेत्रों का विशेष योगदान होता हैं।

प्रश्न

  1. 2. राष्ट्रीय आय की परिभाष दें। इसकी गणना की प्रमुख विधि कौन – कौन – सी है?

उत्तर- किसी देश में किसी दिए गए वर्ष में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मुल्य के योग को हि राष्ट्रिय आय कहा जाता है। वहीं दुसरे शब्दों में कहें तो किसी देश में एक वर्ष में अर्जित कुल आय की मात्रा कों ही उस देश का राष्ट्रीय आय कहते है। इसे मापने के प्रमुख तीन तरीके निम्नलिखित है-

(i) उत्पादन गणना विधि: जब देश की राष्ट्रिय आय की माप उत्पादन के योग क्रिया के द्वारा किया जाता है, तो इसे उत्पादन गणना विधि कहते हैं।

(ii) आय गणना विधिः- जब राष्ट्र के व्यक्तियों कि आय के आधार पर राष्ट्रीय आय कि गणना कि जाती है, तो उसे आय गणना विधि कहते हैं।

(iii) व्यय गणना विधिः- जब राष्ट्रीय आय कि गणना लोगो के व्यय के माध्यम से किया जाता है, तो इसे व्यय गणना विधि कहते हैं।

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प्रश्न 3.
प्रति-व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर-

प्रति-व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में अंतर इस प्रकार है

सकल घरेलु उत्पाद राष्ट्रीय आय
एक देश की सीमा के अंदर किसी भी दी गई समयअवधि प्रायः एक वर्ष (लेखा वर्ष) में उत्पादित समस्त अंतिम वस्तुओं तथा सेवाओं का कुल बाजार या मौद्रिक मुल्य उस देश का सकल घरेलु उत्याद (CDP) कहलाता है। भारत में राष्ट्रीय आय की गणना “केन्द्रीय सांख्यकीय संगठन (CSO)” के द्वारा कि जाती है तथा राष्ट्रीय आय को मापने में इसकी मदद National Sample Survey Organisation (NSSO) करता है।

 प्रश्न

4 राष्ट्रीय आय में वृद्धि भारतीय विकास के  लिए किस तरह से लाभप्रद हैं ? वर्णन करें। 

उत्तर- राष्ट्रीय आय एवं प्रति-व्यक्ति आय में परिवर्तन होने  से इसका प्रभाव लोगों के जीवन स्तर पर पड़ता है। राष्ट्रीय  आय वास्तव में देश के अंदर पुरे वर्ष भर में उत्पादित शुद्ध  उत्पत्ति को कहते हैं। लेकिन उत्पत्ति में वृद्धि  तभी होगी जब  उत्पादन में अधिक श्रमिकों को लगाया जाए। इस प्रकार जैसे-जैसे उत्पादन में वृद्धि होगी वैसे-वैसे बेरोजगारी लोगों  का पूर्व के अपेक्षा बेहतर होगा, इस प्रकार प्रति-व्यक्ति आय  में वृद्धि होने से व्यक्तियों का विकास संभव हो सकेगा। यदि  इस प्रकार राष्ट्रीय आय के सूचकांक (Index )मे वृद्धि होती है, तो इससे लोगों के आर्थिक विकास में अवश्य ही वृद्धि होगी ।

प्रश्न

5 विकास में प्रति-व्यक्ति आय पर संक्षिप्त  टिप्पणी लिखें?

उत्तर- किसी भी देश की सम्पन्नता या विपन्नता वहाँ के लोगों के प्रति-व्यक्ति आय अथवा दश क राष्ट्रीय आय पर निर्भर करता है। प्रत्येक देश अपने-अपनें तरीके से विकाश  कि योजना को बनाते है। तथांइस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए देश में उपल्बध संसाधनों कि क्षमता को बढ़ाकर आधक से अधिक आय प्राप्त करते है। इसी तरह शिक्षा विज्ञान-एवं  प्रोधोगिकी के देोत्र में पूंजी विनियोग के द्वारा रोजगार के अवसर को श्रृजित करते हैं। जिससे लोगों कि आय में वृद्धि हो जाती है फलस्वरूप प्रातिव्यक्ति आय में भी वृद्धि हो जाती  है | और जो देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने में सहायता प्रदान करते हैं|

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प्रश्न

  1. क्या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि राष्ट्रीय आय को प्रभावित करती है ? वर्णन करें।

उत्तर- जब किसी देश कि कुल राष्ट्रीय आय में उस देश कि कुल जनसंख्या से भाग दिया जाता है तो आनेवाला भागफल हीं प्रतिव्यक्ति आय को प्रदर्शित करता है|

अतः, प्रतिव्यक्ति आय = कुल राष्ट्रिय आय / कुल जनसंख्या

किसी देश में किसी दिए गए वर्ष में उत्पादित वस्तुओ एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के योग को हीं राष्ट्रिय आय कहते हैं। वहीं दुसरे शब्दों में कहे तो किसी देश में एक वर्ष में अर्जित कुल आय की मात्र को हीं उस देश की राष्ट्रीय आय कहते है।  प्रतिव्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय में समानुपाति का संबंध है एक के से दूसरे में अपने-आप वृद्धि हो जाती है  अर्थात ये दोनों एक-दूसरे को प्रभावित करते हैं।.

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