bihar board class 10 history chapter 3 questions answer

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महत्वपूर्ण तथ्य

हिंद चीन की स्थापना 17 अक्टूबर, 1887 को हुई थी। इसे फ्रांसीसी इंडोचीन के नाम से भी जाना जाता है। यह एक फ्रांसीसी उपनिवेश था। इसमें तीन देश वियतनाम, लाओस एवं कंबोडिया आते हैं। कम्बोडिया की राजधानी नामपेन्ह हैं। वियतनाम की राजधानी हनोई हैं। लाओस की राजधानी  वियनतियाने हैं।

  1. रिक्त स्थान को भरें:
  2. 12वीं शताब्दी में राजा सुर्य वर्मन द्वितीय ने अंकोरवाट मंदिर का निर्माण करवाया था।
  3. जेनेवा समझौते ने पूरे वियतनाम को दो हिस्से में बाँट दिया ।
  4. हो ची मिन्ह का दूसरा नाम न्युगन आई क्वोक’ था
  5. दिएन-विएन फु के युद्ध में फ्रांस बुरी तरह हार गए।
  6. अनामी दल का संस्थापक जोन्गुएन आई था ।
  7. कंबोडिया का आधुनिक नाम कंपूचिया था ।
  8. नरोत्तम सिंहानुक ने निर्वासित सरकार का गठन ने पीकिंग (आधुनिक बीजिंग) किया ।
  9. हिन्द चीन के देशों पर भारत एवं चीन का प्रभाव है ।
  10. जेनेवा समझौता के क्रियान्वयन हेतु एक त्रिसदस्यीय अंतर्राष्ट्रीय निगरानी आयोग का गठन किया गया जिसके सदस्य भारत, कनाडा एवं पोलैण्ड थे ।

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वस्तुनिष्ठ प्रश्न:

  1. हिन्द चीन क्षेत्र में कौन से देश आते हैं? उत्तर- (स) कम्बोडिया, वियतनाम, लाओस
  2. अंकोरवाट का मन्दिर कहाँ स्थित है? उत्तर- (घ) कम्बोडिया
  3. हिन्द – चीन पहुँचने वाले प्रथम व्यापारी कौन थे? उत्तर- (ग) पुर्तगाली
  4. हिन्द चीन में बसने वाले फ्रांसीसी कहे जाते थे? उत्तर- (क) फ्रांसीसी
  5. नरोत्तम सिंहानुक कहाँ के शासक थे? उत्तर- (घ) कम्बोडिया
  6. द हिस्ट्री ऑफ द लॉस ऑफ वियतनाम” किसने लिखा? उत्तर- (ख) फान-वोई चाऊ
  7. मार्च 1946 में फ्रांस एवं वियतनाम के बीच होने वाला समझौता किस नाम से जाना जाता है?

उत्तर– (ख) हनोई समझौता

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  1. किस प्रसिद्ध दार्शनिक ने एक अदालत लगाकर अमेरिका को वियतनाम युद्ध के लिए दोषी करार दिया? उत्तर(क) रसेल
  2. हिन्द- चीनी क्षेत्र में अंतिम युद्ध समाप्ति के समय में अमेरिकी राष्ट्रपति थे- उत्तर- (ख) निक्सन
  3. होआ-होआ आन्दोलन किस प्रकृति का था? उत्तर- (घ) क्रांतिकारी धार्मिक

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III. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:

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  1. एक तरफा अनुबंध व्यवस्था क्या थी?

Ans: एकतरफा अनुबंध व्यवस्था एक प्रकार की बंधुआ मजदुरी थीं । जिसमें मजदुरों के पास कोई अधिकार नहीं था, जबकि मालिकों के पास असीमित अधिकार प्राप्त था।

  1. बाओदायी कौन था?

Ans: बाओदायी पूर्व में वियतनाम के अन्नाम का शासक था परतु साम्यवादियों के विरोध के कारण वह नही टिक पाया और 25 अगस्त 1945 को अपनी गद्दी छोड़ दिया।

  1. हिन्द चीन का अर्थ क्या है?

Ans- हिन्द चीन का अर्थ एशिया के दक्षिण-पूर्व में स्थित उस प्रायद्वीपिय क्षेत्र से है। जिसमें वर्तमान समय में वियतनाम, लाओस एवं कंबोडिया के क्षेत्र आते हैं। प्राचीन समय में वियतनाम के अन्नाम और तोंकिन पर चीनी शासकों का प्रभाव था। जबकि लाओस एवं कंबोडिया पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव था इसलिए इस क्षेत्र को हिन्द-चीन के नाम से जाना जाता है।

  1. जेनेवा समझौता कब और किसके बीच हुआ था?

Ans-1904 ई० में अमेरिका एवं साम्यवादियों के बीच जेनेवा समझौता हुआ था। इस समझौता के द्वारा वियतनाम को उत्तरी एवं दक्षिणी दो भागों में बाँट दिया गया तथा लाओस और कंबोडिया को स्वतंत्र कर दिया।

  1. होआ-होआ आदोलन की चर्चा करें।

Ans– होआ-होआ एक धार्मिक क्रांतिकारी आंदोलन था। इसकी शुरुआत 1939 ई० में हुआ था। इसका नेता हूइन्ह फू-सो था। जो क्रांतिकारी घटनाओं को अन्जाम देता था। जिसमें आत्मदाह तक भी शामिल होता था।

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लघु उत्तरीय प्रश्न:

  1. हिन्द-चीन में फांसीसी प्रसार का वर्णन करें?

Ans- 1498 में जब वास्कोडिगामा ने समुद्री मार्ग की खोज की तो पुर्तगाली प्रथम व्यक्ति हुआ जिसका आगमन हिन्द- चीन में हुआ। इसके बाद क्रमशः स्पेन, डच (नीदरलैंड), इंग्लैण्ड एवं फ्रांस आयें। फ्रांस शुरू से ही हिन्द-चीन के जमीनों को हरपने के लिए कई प्रयास करने लगा इसी उद्देश्य से उसनें कई फांसीसी व्यापारियों और सैनिकों को हिन्द-चीन में बुला लिया और 20 वीं शताब्दी तक सम्पूर्ण हिन्द-चीन फ्रांस के अधीन हों गया।

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अथवा, हिन्द-चीन का निर्माण हिन्द देशो से मिलकर किया जाता है। जिसका नाम लाओस, वियतनाम और कंबोडिया है। 17वीं शताब्दी में बहुत सारे पादरी और व्यापारी हिन्द-चीन में आकर बस गये और कोचीन-चीन के राजा का इस्तेमाल कर 18वीं शताब्दी तक फ्रांसिसियों ने सम्पुर्ण क्षेत्रों पर धीरे-धीरे उपनिवेशवाद और सम्राज्यवादी प्रतियोगता के आधार पर कब्जा करने लगा। इसने प्रारंभ मे कुछ अच्छा काम किया लेकिन बाद में सारा सभ्यता संस्कृति धर्म, भाषा तथा शिक्षा फ्रांसिसी अपनाने को कहा और इस प्रकार से इसका आगमन हो जाता है। और 1787 ई० से फ्रांसीसीयों ने कब्जा करना शुरू कर दिया और लगभग 1887 ई० में फ्रेंच-इंडो-चाइना के स्थापना के साथ-साथ परे हिन्द-चीन पर अपना कब्जा जमा लिया।

  1. रासायनिक हथियार एवं अर्जेट ऑरेंज का वर्णन करें।

Ans- रासायनिक हथियार एवं अजेंट ऑरेंज का उपयोग अमेरिका ने वियतनामी युद्ध में बड़े पैमाने पर किया था। रासायनिक हथियार में नापाम एक ज्वलनशील पदार्थ था जिसमें ‘गसोलिन’ मिला हुआ था। और ये त्वचा से चिपककर जलता रहता था जिससे लोगों की मृत्यु हो जाती थी। जबकि दुसरी ओर एजेट ऑरेंज’ एक प्रकार का जहर था। जिसके उपयोग से पेंड़-पौधे के पत्ते झुलस कर मर जाते थे। इसे जिस डिब्बे में रखा जाता था उसकी पट्टियों नारंगी था। इसलिए इसें एजेन्ट ऑरेन्ज के नाम से जाना जाता हैं।

  1. हो-ची-मिन्ह के विषय में संक्षिप्त में लिखें।या, हो-ची-मिन्ह के बारें में संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

Ans: हो-ची-मिन्ह का जन्म 19 मई 1890 ई० को वियतनाम में हुआ था इसका दुसरा नाम न्युगन आई क्वोक’ था। यह सामयवाद से प्रभावित था तथा इसने 1925 ई० में वियतनामि क्रांतिकारी दल का गठन किया तथा 1930 में बिखरे राष्ट्रवादियों को भी एकजुट करने का प्रयास किया। अतः 1969 में इसकी मृत्यु हों गई। वियतनामी स्वतंत्रता आंदोलन का जनक इसे माना जाता है। एवं इसे भारत में ‘अंकल हों’ के नाम से जाना जाता है।

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  1. होची मिन्ह मार्ग क्या है, बतावें।

Ans- उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम को जोड़ने वाले मार्ग को हीची मिन्ह मार्ग कहते है। लाओस एवं कंबोडिया दोनों इसी मार्ग के बीच में स्थित थे। अमेरिका ने इस मार्ग में कई बार बम-बारी की परंतु वियतनामी के द्वारा तुरंत इसे मरम्मत कर लिया जाता था। इस मार्ग से कई कच्ची सड़कों का जुड़ाव था जिसके कारण इसे भूल भुलैया मार्ग’ भी कहा जाता है। इस मार्ग के माध्यम से हथियारों एवं सैनिकों को ले जाया जाता था।

  1. अमेरिका हिन्द-चीन में कैसे घुसा, चर्चा करें।

Ans- अमरिका हिन्द-चीन में फ्रांस की मदद करने के उद्देश्य से घुसा था। परंतु 1954 में जेनेवा समझौता के द्वारा पूरे वियतनाम कों दो टुकड़ों में बाँट दिया तथा उत्तरी वियतनाम को साम्यवादियों को सौपकर दक्षिणी वियतनाम पर अपना हस्तक्षेप रखा अतः अमेरिका ने हिन्द-चीन में हस्तक्षेप की नीति अपनाई थीं।

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दीर्घ उतरिय प्रश्न:

  1. हिन्द-चीन में उपनिवेश स्थापना का उद्देश्य क्या था?

Ans- हिन्द-चीन में उपनिवेश स्थापना का मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित थे-

(i) आर्थिक कारणः हिन्द-चीन में प्राकृतिक संसाधन प्रचुर मात्रा में विद्यमान थी परंतु तकनीक के अभाव के कारण हिन्द-चीन वाले इसका उपयोग नही कर पा रहें। फ्रांसीसी ने अपने तकनीक का उपयोग करके सभी वस्तुओं को प्रयोग लायक बनाया।

(ii) व्यापारिक प्रतिस्पर्धाः फ्रांस द्वारा हिन्द-चीन को उपनिवेश बनाने का प्रारंभिक उद्देश्य व्यापारिक प्रतिस्पर्धा थीं भारत में फ्रांसीसी कमजोर हों रहे थे उसका मुख्य प्रतिस्पर्धा इंग्लैण्ड से था। अतः उसे वैसी जगह की तालाश थीं जहाँ से वें दोनों जगह की स्थितियों को संभाल सकता था। अतः इस सन्दर्भमें हिन्द-चीन उसे सबसे उचित लगा।

(iii) असभ्यों को सभ्य बनाना: जहाँ एक शिक्षा का प्रश्न था तो स्थानीयं लोगों को भी फांसीसी भाषा में भी शिक्षा दी जाने लगी क्योंकि फ्रांसीसी को शिक्षा के सकारात्मक प्रभाव से डर था इसलिए अधिकांश लोगों की शिक्षा से दूर रखने का प्रयास किया गया।                                                                         अर्थात स्कूल के अंतिम वर्षों में स्थानिय बच्चों को फेल कर दिया जाता था।

  1. माई ली गाँव की घटना क्या थी? इसका क्या प्रभाव पड़ा?

Ans- दक्षिणी वियतनाम में एक गाँव था जहाँ के लोगों को वियतकांग समर्थन मान अमेरिकी सेना ने पूरे गाँव कों घेर कर पुरुषों को मार डाला, औरतों-बच्चियों कों बंधक बनाकर कई दिनों तक सामूहिक बालात्कार किया। फिर उन्हें भी मारकर पूरे गाँव में आग लगा दी। लाशों के बीच दवा एक बूढ़ा जिन्दा बच गया था जिसने इस घटना को उजागर किया। माईली गाँव की इस घटना ने अमेरिका को पूरे विश्व में शर्मशार कर दिया। इस गाँव की हत्या को आधार मानकर कई हॉलीवुड फिल्मों का निर्माण किया गया।

  1. राष्ट्रपति निक्सन के हिन्द-चीन में शांति के संबंध में पाँच सुत्री योजना क्या थी? इसका क्या प्रभाव पड़ा?

Ans- माई ली गाँव के घटना के बाद अमेरिका शांति के सम्मान को ठेस पहुँची इसलिए राष्ट्रपति निक्सन ने पाँच सुत्री योजना लया जो निम्नलिखित है:

(i) हिन्द-चीन की सभी सेनाएँ युद्ध बंद कर अपने स्थान पर रहे।

(ii) युद्ध विराम की देखरेख अंतर्राष्ट्रीय पर्यवेक्षक करेंगे।

(iii) इस दौरान कोई देश अपनी शक्ति बढ़ाने का प्रयत्न नहीं करेगा।

(iv) युद्ध विराम के दौरान सभी तरह की लड़ाईयों बंद रहेगी।

(v) युद्ध विराम का अन्तिम लक्ष्य समुचे हिन्द-चिन में संघर्ष का अंत होगा।

परंतु इस पाँच सुत्री योजना को वियतनामिओं ने अस्विकार कर दिया। जिसके कारण निक्सन को पुणः आठ सुत्री योजना बनाना पड़ा। वियतनामियों ने इसे खारिज कर दिया। अब अमेरिका चीन को अपने पक्ष में करने में लग गया। वियतनामियों को चीनी धोखों का अंदेशा होने लगा। 24 अक्टूबर, 1972 को वियतकांग, उत्तरी वियतनाम, अमेरिका दक्षिणी वियतनाम में समझौता तय हो गया।वियतकांग ने इसे अस्वीकार कर दिया। अंततः 27 फरवरी, 1973 को पेरिस में वियतनाम युद्ध की समाप्ति के समझौते पर हस्ताक्षर हो गया, समझौते की मुख्य बातें थीं- युद्ध समाप्त के 60 दिनों के अंदर अमेरिकी सेना वापस हो जाएगी। उत्तर और दक्षिण वियतनाम परस्पर सलाह करके एकीकरण का मार्ग खोजेंगे। अमेरिका वियतनाम को असीमित आर्थिक सहायता देगा। इस तरह से अमेरिका के साथ चला आ रहा युद्ध समाप्त हो गया एवं अप्रैल, 1975 में उत्तरी एवं दक्षिणी वियतनाम नाम का एकीकरण हो गया।

  1. फ्रांसीसी शोषण के साथ-साथ उसके द्वारा किए गए सकारात्मक कार्यों की समीक्षा करें?

Ans: फ्रांसीसीयों ने हिन्द चीन में शोषण के साथ-साथ सकारात्मक कार्य भी किए सर्वप्रथम कृषि की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए नहर एवं जल की समुचित व्यवस्था की जंगल, भूमि एवं दलदली भूमि को भी कृषि योग्य में बदल दिया गया इसका ही परिणाम था कि 1903 में वियतनाम चावल उत्पादन और निर्यात में विश्व का बना तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया।वहीं दूसरी ओर उत्तर से दक्षिण हिन्द-चीन तक रेल नेटवर्क और सड़क का जाल बिछ गया। तथा आधुनिक सभी प्रकार की सुविधाएँ की व्यवस्था की गई परंतु ये सारे शोषन मुलक था। जहाँ तक शिक्षा का प्रश्न था तो स्थानीय लोगों को भी फ्रांसीसी भाषाओं में शिक्षा दी जाने लगी शिक्षा के सकारात्मक प्रभाव के डर से स्थानीय बच्चों को स्कूल के अंतिम वर्ष में फेल कर दिया जाया था।

  1. हिन्द-चीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें?

Ans: 20 वीं शताब्दी के बाद फ्रांसीसी का विरोध हिन्द – चीन के द्वारा अधिक प्रभावी हो गयी। 1903 ई० में ‘फान बोई चाऊ’ ने ‘दुई तान होई’ नामक संगठन की स्थापना की जिसके नेता ‘कुआंग दें’ थे। फान बोई चाऊ ने द हिस्ट्री ऑफ द लौस ऑफ वियतनाम’ नामक पुस्तक लिखकर हलचल पैदा कर दी। इसके बाद फान चू त्रिन्हनामक एक अन्य राष्ट्रवादी नेता का आगमन हुआ इसने भी वियतनाम कों राजतंत्रिय स्वरूप से गणतंत्रिय स्वरूप देने का प्रयास किया।

1919 में देशभक्तों ने चीनी बहिष्कार’ आंदोलन चलाया। वियतनाम में राष्ट्रवाद को प्रभावी बनाने में सबसे अधिक भूमिका ‘हो ची मिन्ह’ की थी। यह साम्यवाद से प्रभावित था इसने 1925 में ‘वियतनामी क्रांतिकारी दल’ का गठन किया एवं 1930 में बिखरे राष्ट्रवादियों को एकजुट करने का प्रयास किया। तथा फ्रांस के खिलाफ आंदोलन की घोषणा कर दी फ्रांस की बमबारी नीति के कारण यह आंदोलन दब सा गया परंतु अंदर ही अंदर ज्वाला की आग खौलती रहीं।

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