Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1A Solutions
Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1A Solutions
Bihar board class 10 geography (क) प्राकृतिक संसाधन
मृदा (Soil) एक बहुमूल्य प्राकृतिक संसाधन है। मृदा शब्द की उत्पत्ति, लॅटिन भाषा के सोलम (Solum) शब्द से हुई है, जिसका अर्थ है फर्श (Floor)
मृदा (मिट्टी) पृथ्वी की ऊपरी परत है जो पौधों की वृद्धि के लिये प्राकृतिक स्रोत के रूप में पोषक तत्त्व, जल एवं अन्य खनिज लवण प्रदान करती है। पृथ्वी की यह ऊपरी परत खनिज कणों तथा जीवांश का एक मिश्रण है जो लाखों वर्षों में निर्मित हुई है।
मृदा विज्ञान (Pedology): मृदा विज्ञान में मृदा का अध्ययन प्राकृतिक संसाधन के रूप में किया जाता है। इसके अन्तर्गत मृदा का निर्माण, मृदा का वर्गीकरण तथा मृदा के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों का अध्ययन किया जाता है।
सामान्यतः मिट्टी की कई परतें होती हैं, जिसमें सबसे ऊपरी परत में छोटे मिट्टी के कण, सड़े-गले हुए पेड़- पौधों एवं जीवों के अवशेष होते हैं। यह परत फसलों की पैदावार के लिये बहुत उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण होती है।
इस तरह मृदा शैलों के अपक्षयण व विघटन से उत्पन्न भूपदार्थों, मलवा और विविध जैव सामग्रियों का सम्मिश्रण होती है, जो पृथ्वी की सतह (भू-पर्पटी की सतह ) पर विकसित होती है ।
भारतीय मिट्टी को 8 वर्गों में विभाजित किया गया है-
- लैटेराइट मृदाएँ
- काली मृदाएँ
- जलोढ़ मृदाएँ
- लाल और पीली मृदाएँ
- पर्वतीय मृदा
- लवणीय मृदाएँ
- पीट तथा जैव मृदाएँ एवं
- शुष्क अथवा मरुस्थलीय मृदा
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-
- पंजाब में भूमि निम्नीकरण का मुख्य कारण है ?
(a) वनोन्मूलन
(b) गहन खेती
(c) अति-पशुचारण
(d) अधिक सिंचाई
उत्तर – (d) अधिक सिंचाई
- सोपानी कृषि किस राज्य में प्रचलित है ?
(a) हरियाणा
(b) बिहार का मैदानी क्षेत्र
(c) पंजाब
(d) उत्तराखंड
उत्तर – (d) उत्तराखंड
- मरूस्थलीय मृदा का विस्तार निम्न में से कहाँ है ?
(a) उत्तर प्रदेश
(b) राजस्थान
(c) कर्नाटक
(d) महाराष्ट्र
उत्तर – (b) राजस्थान
- मेढ़क के प्रजनन को नष्ट करने वाला रसायन कौन है ?
(a) बेंजीन
(b) यूरिया
(c) एंड्रिन
(d) फॉस्फोरस
उत्तर – (c) एंड्रिन
- काली मृदा का दूसरा नाम क्या है ?
(a) बलुई मृदा
(b) रेगुर मृदा
(c) लाल मृदा
(d) पर्वतीय मृदा
उत्तर – (b) रेगुर मृदा
Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1A Solutions लघु उत्तरीय प्रश्न
- जलोढ़ मृदा के विस्तार वालें राज्यों के नाम बतायें । इस मृदा में कौन सी फसल लगायी जा सकती है ?
उत्तर – भारत में जलोढ़ मिट्टी का विस्तार उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब और पशिचिम बंगाल इत्यादि राज्यों में है । इस प्रकार की मिट्टी में चावल, गेहू , मक्का , गन्ना और दलहन इत्यादि फसलो को उगाया जाता है ।
- समोच्च कृषि से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- समोच्च कृषि या समोच्च जुताई पर्वतीय क्षेत्रों में मृदा की गलत तरीकों से हुइ अपरदन को रोकने की एक विधि हैं । जब समोच्च रेखा के सामांतर हल चलाया जाता है तो पानी के बहाव की गति धीमी हो जाती हैं। जिससे मृदा अपरदन रूक जाता हैं और मिट्टी का संरक्षण हो जाता हैं।
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- पवन अपरदन वाले क्षेत्रों में कृषि कि कौन-सी पद्धति उपयोगी मानी जाती हैं?
उत्तर – पवन अपरदन वाले क्षेत्रों में पट्टिका कृषि, दो फसलों के बीच घास की पट्टियाँ विकसीत करने पर आधारित | होती हैं। जिस कारण पवन अपने वेग से मिट्टी के ह्यूमस को नहीं उड़ा पता हैं और मृदा का संरक्षण हो जाता हैं।
- भारत के किन भागों में नदी डेल्टा का विकास हुआ हैं?
उत्तर – भारत के पूर्वी तटीय मैदान स्थित गोदावरी, कृष्णा, कावेरी इत्यादि नदियों द्वारा नदी डेल्टा का विकास हुआ हैं। इस प्रकार से बने डेल्टाओं में जलोढ़ मिट्टी की मात्र प्रचुर होती हैं एवं इसका रंग धुँधला से भुरा तक होता हैं। यह मिट्टी | बालू, सिल्ट एवं मृतिका के विभिन्न अनुपात में मिलाने से होता हैं।
- फसल चक्रण मृदा संरक्षण में किस प्रकार सहायक है?
उत्तर- बार-बार जब एक ही फसल जैसे चावल, गेहूँ, गन्ना मक्का इत्यादि को लगाया जाता हैं। तो मिट्टी की उर्वरता | शक्ति समाप्त हो जाती हैं। इस उर्वरा शक्ति को पुनः प्राप्त करने के लिए खेतों में दलहनी पौधा लगाया जाता हैं। इन दलहनी पौधों के जड़ों में “राइजोबियम” नामक जीवाणु पाये जाते हैं जो नाइट्रोजन का स्थितिकरण मिट्टी में बनाए रखते हैं। जिससे मृदा का संरक्षण हो जाता हैं।
Bihar Board Class 10 Geography Chapter 1A Solutions दिर्घ उत्तरीय प्रश्न-
- जलक्रांतता कैसे उपस्थित होता हैं? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका हैं?
उत्तर-जल के जमाव को ही जलक्रांतता कहते हैं अर्थात् अधिक जल सिंचन से जलक्रांतता की समस्या उत्पन्न होती | हैं। जिस कारण मृदा में लवणीय एवं क्षारिय गुण बढ़ जाते हैं जो भूमि निम्नीकरण का एक प्रमुख कारण हैं। खनिज आधारित उद्योग में चुना पत्थर, खड़िया, इत्यादि के पीसने से वायुमंडल में घुल विसर्जित हो जाते है, जो धीरे-धीरे भूमि की परत पर जम जाती हैं, और भूमि में जल अवशोषण करने की क्षमता को समाप्त कर देती हैं। अतः जलक्रांतता के कारण मृदा अपरदन होता हैं।
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मृदा संरक्षण पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें?
उत्तर- मृदा हमारे परितंत्र का एक महत्वपूर्ण घटक हैं। यह एक प्राकृतिक अजैव संसाधन हैं जिसका हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान हैं। अर्थात् मृदा का संरक्षण करना हमारे लिए अति आवश्यक हैं। मृदा को बचाने एवं इसका विवेकपूर्ण उपयोग करना ही मृदा संरक्षण कहलाता हैं।
इसके संरक्षण के कई विधियाँ हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न होती हैं। सामान्य तौर पर फसल चक्रण के माध्यम से मृदा का संरक्षण किया जाता हैं। वहीं पर्वतीय भागों में सम्मोच्य कृषि के द्वारा मृदा का संरक्षण किया जाता हैं। जबकि पवन अपरदन वाले क्षेत्रों में पट्टिका कृषि की जाती हैं और इस प्रकार मृदा का संरक्षण किया जाता हैं।
- भारत में अत्यधिक पशुधन होने के बाबजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य हैं? स्पष्ट करें।
उत्तर- भारत पशुधन के मामले में विश्व के अग्रणी देशों में शामिल हैं। परंतु स्थाई चारागह के लिए बहुत कम भूमि यहाँ उपलब्ध हैं। जो पशुपालन के लिए पर्याप्त नहीं हैं। अतः पशुपालन पर इसका प्रतिकुल प्रभाव पड़ता हैं। | अतिरिक्त कुछ ऐसे प्राकृतिक कारण भी हैं जिसके कारण पशुधन को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जैसे | बाढ़ आने से पशुओं के निवास स्थान एवं चारागाह को हानि पहुँचती हैं। जिस कारण किसानों को अधिक लाभ नहीं | मिल पाता हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत में अध्याधिक पशुधन होने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में इसका योगदान लगभग नगण्य हैं।
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Nice post